जैसे भगवान की सेवा करने से त्रिलोकी की सेवा होती है ऐसे ही निष्काम भाव से गौ माता की सेवा करने से सारे विश्व की सेवा हो जाती है,क्योंकि गाय को विश्व की माता माना जाता है। गाय की सेवा से धर्म,अर्थ काम और मोक्ष चारों पुरुषार्थ स्वत: ही सिद्ध हो जाते हैं।