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यदि आप तनाव से बचना चाहते हैं ?

यदि आप तनाव से बचना चाहते हैं ?

“तनावयुक्त जीवन जीने से आयु घट जाती है, तथा अन्य भी अनेक हानियां होती हैं। तनाव मुक्त रहकर जीवन जीने से आयु बढ़ती है, तथा अन्य भी अनेक लाभ होते हैं।”

वैदिक शास्त्रों में ऋषियों ने बताया है, कि “किसी समस्या को दूर करने के लिए पहले उसके कारण को ढूंढना चाहिए। जब कारण समझ में आ जाए, तो उस कारण को दूर करना चाहिए। इसी नियम के अनुसार नीचे तनाव को दूर करने के कुछ कारण और उपाय दिए जा रहे हैं। इनका लाभ उठाएं।

1- “अनेक कार्य एक साथ आरंभ न करें.” जैसे अध्ययन करना, अध्यापन करना, किसी स्कूल या संस्था का संचालन करना, कोई अस्पताल चलाना , रोगियों की सेवा करना, व्यापार करना इत्यादि।

2- “अपनी क्षमता से अधिक कार्य न करें.” जैसे आप 4 कार्य कर सकते हैं, तो 6, 8 या 10 कार्यों की जिम्मेदारी अपने ऊपर न लेवें।

3- “व्यर्थ की चिंताएं न करें।” तनाव से बचने के लिए ऐसा सोचें, “यह संसार नाशवान है , प्रत्येक वस्तु एक न एक दिन हम से अलग हो जाएगी. हम संसार में कुछ भी साथ नहीं लाए थे, और कुछ भी साथ नहीं ले जाएंगे” . प्रतिदिन ऐसा सोचें, इससे आपका तनाव दूर हो जाएगा।

4- “दूसरों से आशाएं और अपने मन में इच्छाएं कम रखें”.

5- जब आप के ऊपर कोई छोटा-मोटा अन्याय हो जावे, तो अपने तनाव को दूर करने के लिए मन में ऐसा सोचें, “कोई बात नहीं, यह संसार है , यहां तो ऐसा होता ही रहता है।”

6- यदि आपके साथ कोई बड़ा अन्याय हो जावे और उसे आप दूर करने में असमर्थ हों, तो भविष्य में ऐसी हानियों से सावधान रहें। अपनी सुरक्षा पूरी करें। तथा तात्कालिक रूप से उस तनाव को दूर करने के लिए मन में दोहराएं, “ईश्वर सदा सबको देखता है। वह ठीक समय पर न्याय करेगा।”

7- “व्यवहार में झूठ छल कपट धोखा बेईमानी अन्याय शोषण इत्यादि पाप कर्मों से बचें.” ऐसे कर्म करने वाले सदा तनावग्रस्त रहते हैं। अपना जीवन पूरी ईमानदारी सच्चाई न्याय सेवा परोपकार आदि कर्म करते हुए जीएँ।

8- “खाली न बैठें।” अपने आप को किसी न किसी उत्तम कार्य में व्यस्त रखें। जैसे वेदों का अध्ययन स्वाध्याय करना, यज्ञ करना, व्यायाम करना, गीत भजन गाना, किसी व्यक्ति के साथ आध्यात्मिक विषय पर चर्चा करना आदि।


9- “तनाव को दूर करने के लिए ईश्वर का ध्यान करें“. इस मंत्र से ध्यान करें “ओम् आनंद: । हे ईश्वर ! आप आनंद स्वरूप हैं , हमें भी आनंद दीजिए । आप कभी तनावग्रस्त नहीं होते, कृपया हमारा तनाव भी दूर कर दीजिए।”


ऐसे अनेक उपायों से आप तनाव से बच सकते हैं और तनावमुक्त होकर आनंद से अपना जीवन जी सकते हैं।


— स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक

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